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जवाली से नाडोल मार्ग पर जाने वाले राहगीर, वाहन चालक खड्डो से परेशान

पिछले कही वर्षो से सड़क खराब

पाली । महापड़ाव के दूसरे दिन

राष्ट्रीय पशुपालक संघ व डीएनटी संघर्ष समिति के धरने के चलते शनिवार को पाली-आबूरोड राष्ट्रीय राजमार्ग 162 पर दिनभर अफरातफरी का माहौल रहा। ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई, जिससे सैकड़ों वाहन चालक घंटों तक जाम में फंसे रहे। पाली से लेकर बालराई तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं, वहीं कई वाहन डायवर्जन मार्गों पर फंसकर और ज्यादा मुसीबत में पड़ गए।

 

सबसे ज्यादा परेशानी खोड़–जवाली–सालरिया से नाडोल जाने वाले वैकल्पिक मार्ग पर देखने को मिली। इस सड़क की हालत इतनी खराब है कि मानो सड़क पर गड्ढे नहीं, गड्ढों में सड़क है। इसी मार्ग से गुजर रहे जोधपुर निवासी विनोद कुमार अपने परिवार सहित नवसारी (गुजरात) जा रहे थे, लेकिन सालरिया गांव के पास सड़क की बदतर स्थिति के कारण उनकी कार पंचर हो गई और नीचे की बॉडी भी क्षतिग्रस्त हो गई।

 

विनोद ने बताया कि “हेमावास चौराहे पर पुलिस ने हमें डायवर्ट करते हुए इस रास्ते पर भेजा। आगे आए तो हर तरफ गड्ढे एवं सड़क जगह जगह से क्षतिग्रस्त होने के कारण। कई बार गाड़ी की बॉडी नीचे से टकराई और आखिरकार रास्ते में ही पंचर हो गई। बच्चों के साथ घंटों फंसे रहे। बाद में नाडोल से मिस्त्री बुलवाकर गाड़ी को ठीक करवाना पड़ा।”

 

सालरिया निवासी समाजसेवी खरता राम गेहलोत ने बताया कि “यह सड़क वर्षों से जर्जर पड़ी है। जगह-जगह दो-दो फीट गहरे खड्डे हैं और किनारों पर कंटीली झाड़ियां उगी हुई हैं। आए दिन वाहन पलटने जैसी घटनाएं हो रही हैं। प्रशासन को कई बार अवगत करवाया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अगर जल्द सुधार नहीं हुआ तो ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।”

 

सालरिया से नाडोल तक का यह मार्ग तीर्थस्थलों जैसे बाल तपस्विनी अनसी बाई मंदिर, आशापुरा माताजी मंदिर, रणकपुर जैन मंदिर और परशुराम महादेव जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी मुख्य रास्ता है। लेकिन सड़क की खस्ता हालत के कारण श्रद्धालुओं और ग्रामीणों दोनों को परेशानी उठानी पड़ रही है।

 

इधर, नाडोल व सोनाई माँजी क्षेत्र में बाईपास की सुविधा नहीं होने से मेगा हाईवे पर जाम की स्थिति लगातार बनी रहती है। शुक्रवार रात को करीब 45 मिनट और शनिवार सुबह फिर से 30 मिनट तक जाम लगा रहा। ग्रामीणों ने कहा कि बाईपास का प्रस्ताव वर्षों से ठंडे बस्ते में पड़ा है, जिससे रोजाना लोगों को भारी असुविधा झेलनी पड़ती है।

 

 

 

महापड़ाव के कारण पाली-आबूरोड हाईवे शनिवार रात साढ़े 8 बजे तक बंद रहा। इस दौरान वाहनों की 28 घंटे से अधिक लंबी कतारें लगी रहीं। कई वाहन चालक डायवर्ट होकर खस्ताहाल ग्रामीण मार्गों से गुजरे, पर वहां की सड़कों ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी।

 

महापड़ाव के कारण ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई, लेकिन सबसे गंभीर स्थिति खोड़–जवाली–सालरिया–नाडोल मार्ग पर रही। जर्जर सड़क, गड्ढे और प्रशासनिक लापरवाही ने यात्रियों को घंटों की मुसीबत में डाल दिया। ग्रामीणों ने बताया कि यह चेतावनी है — “अबकी बार सड़क नहीं सुधरी तो आंदोलन होगा।

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